सन 1947, में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार को इस बात का पक्का हो चूका था की अब भारत पर अपना दब-दबदबा बनाना मुश्किल है। उस समय भारतीय स्वतंत्रता सेनानीयों की गतिविधियाँभी बड़ते जा रही थी और भारत केलोग भी समझने लगे थे की अब आजादी का समय आ चूका है।
उसके बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत को आज़ाद करने का ऐलान किया और 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। यह तो भारत के लिए ख़ुशी की बात थी पर दूसरी ओर हिन्दू मुस्लिम केु बिच हिंसा आग का रूप धारण कर चूका था। इस भारतीय स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को भारत और पाकिस्तान अलग-अलग देश के रूप में भाग कर दिया गया।
इस दिन मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के पंडित जवाहरलाल नेहरु स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उसके बाद जवाहरलाल ने अपने भाषण में 15 अगस्त, को पूर्ण स्वतंत्र का दिन घोषित किया। इस भाषण सम्मलेन मेंबड़े-बड़े नेता जैसे अबुल कलम आजाद, भीम राव आंबेडकर, जैसे महँ नेताओं ने भी भाग लिया था।
उसके बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत को आज़ाद करने का ऐलान किया और 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। यह तो भारत के लिए ख़ुशी की बात थी पर दूसरी ओर हिन्दू मुस्लिम केु बिच हिंसा आग का रूप धारण कर चूका था। इस भारतीय स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को भारत और पाकिस्तान अलग-अलग देश के रूप में भाग कर दिया गया।
इस दिन मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के पंडित जवाहरलाल नेहरु स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उसके बाद जवाहरलाल ने अपने भाषण में 15 अगस्त, को पूर्ण स्वतंत्र का दिन घोषित किया। इस भाषण सम्मलेन मेंबड़े-बड़े नेता जैसे अबुल कलम आजाद, भीम राव आंबेडकर, जैसे महँ नेताओं ने भी भाग लिया था।
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